Saturday 5 May 2018

आग सीने मेँ है तुम तपन देखते हो।
वो खाली दिल तुम बदन देखते हो।
क्यूँ परेशां हैँ मेरी आंखेँ दीदार को,
हर्फ तौले हुए हैँ और तुम वज़न देखेते हो....

Friday 8 September 2017

आह

तेल की कुछ बूंद बाक़ी हैं यूं ही रौशन हैं ये।
इन चराग़ों को न छूना उंगलियां जल जाएंगी॥

Wednesday 22 February 2017

हवा का एक  एक झोंका था
 शायद तेरा प्यार ।
जो लम्हा बनकर आया
और  एक पल में गुजर गया ।।
प्यार नही था दिल में
या ऐतबार न था मुझपर ।
ऐसी क्या खता हो गयी मुझसे
 जो तू खुद से मुकर गया ।।
सोचता हूँ सुनाऊ किस्सा तुम्हें
 हाल -ऐ - दिल का अपने ।
पर मैं तेरी बेरुखी से डर गया ।।
कह ना सका मैं तुझसे
दास्तान - ऐ -मुहब्बत अपनी ।
दर्द था जो सीने में
वो कतरा बनकर आँखों में भर गया ।।
 अवधेश। 14/02/17

---------- Avdhesh Sonkar

Tuesday 24 January 2017

Aao phir se likhte hain mohabbat  ka fasana ,

Main Tumhe beintha chahoonga aur tum mujhe phir chhod jana....


Anand Pandey............

Saturday 23 July 2016

सच्चाई

वो इस कमाल से खेला था इश्क की बाजी,
मै अपनी फतह समझता रहा मात होने तक.

Wednesday 6 April 2016

बैठे बिठाये

जरूर दर्द का जहर चखा है उसने....
लहजे में तल्खी टपकती है अब भी||

Monday 9 February 2015

सच्चाई

शुमार है इंसान की जहनियत में मुस्तकिल सा ,

बदलते हालत के साथ रवैया बदल लेता है।

आग सीने मेँ है तुम तपन देखते हो। वो खाली दिल तुम बदन देखते हो। क्यूँ परेशां हैँ मेरी आंखेँ दीदार को, हर्फ तौले हुए हैँ और तुम वज़न देखेते...